कोई भी इंसान हर दिन एक जैसा कहाँ नहीं कहा सकता है ना सिर्फ हमारा मन बल्कि हमारे पेट को भी कुछ ना कुछ अलग चाहिए होता है वैसे आप ज्यादा से ज्यादा खाना बनाए वाले वो जो भी वो मम्मी,बहिन या पत्नी उन्हें एक बार कहा सकते है पर आज हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने वाले है ने जब एक खाने से बोर हो कर अपना खाना भिखारी को दिया तब कुछ ऐसा हुआ जैसी की किसी को भी उम्मीद नहीं थी।

ये पूरा मामला शुरू होता है लौकी के सब्जी से जो की यूपी का है जहा की श्रावस्ती नाम की एक महिला उसका पति आशीष रहता है श्रावस्ती हर दिन अपने पति के लिए ही सब्ज़ी बनती थी और पति शिकायत नहीं करता था जिसके बाद उसकी पत्नी के दिमाग में ये बात खटकने लगी वो 20 दिन तक लौकी की सब्जी बनाकर दे रही थी।

जिसके बाद उसे लगा कुछ तो गड़बड़ है जिसके बाद अगले दिन उसकी पत्नी ने उनका पीछा किया और ये जानने की कोशिश की के वो टिफ़िन को लेकर कुछ कहता क्यों नहीं है जिसके बाद उसे पता चला की उसका पति हर रोज एक भिखारी अपना टिफ़िन दे देता था।

वैसे इसे पहले श्रीवस्ती अपने पति को कुछ बोल पाती उसे भिखारी ने श्रीवस्ती को देखते हुए रोमांटिक होकर दो चार शायरी कह डाली और फिर क्या आशीष की पत्नी श्रावस्ती को ऐसा लगा कि जैसे मानो उसे उसके बचपन का प्यार मिल गया जो उसे अब मिला है जिसके बाद श्रावस्ती ने आशीष कुछ समय बाद तलाक दे दिया और मंदिर में जाकर उसे ही भिखारी से शादी कर ली वैसे कोई भी इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेगा पर ये सच है।