सिलबट्टे बेचने वाली महिला बनी सब-इंस्पेक्टर? IPS ने शेयर की कहानी

हाल ही में सोशल मीडिया पर पर महिलाओं के संघर्ष और हिम्मत की कहानियां काफी वायरल हो रही है ये कहानी है पुलिस सब-इंस्पेक्टर पद्मशीला तिरपुडे की जिनकी फोटो आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा के शेयर करते हुए उनकी कहानी के बारे में लोगो को बताया है अपने ट्वीट में वो लिखते है “परिस्थितियां आपकी उड़ान नहीं रोक सकती। किस्मत भले आपके माथे पर भारी पत्थर रखे लेकिन उनसे कामयाबी का पुल कैसे बनाना है ये भंडारा, महाराष्ट्र की #पद्मशीला_तिरपुडे से सीखें। पत्थर के सिलबट्टे बनाकर बेचने वाली पद्मशीला ने मेहनत की और MPAC में उत्तीर्ण होकर पुलिस उपनिरीक्षक बनीं”

दीपांशु अपने दूसरे ट्वीट में लिखते है “उनके संघर्षों में पति ने पूरा साथ निभाया। शुरुआती दिनों में वे पति के साथ मजदूरी करती थीं। आर्थिक तंगी के चलते पति ने ये तय किया कि वे पत्नी को आगे बढ़ाएंगे और पढ़ाई पूरी करवाएंगे। सिलबट्टे और फल बेचते पद्मशीला ने बैचलर पूरा किया और एमपीएसी क्लियर कर आज पुलिस उपनिरीक्षक बनीं”

 

पहली फोटो में एक महिला जिसने लाला साड़ी पहनी हुई है और उसके हाथ में बच्चा और सर पर पत्थर के सिलबट्टे रखे हैं तो वही दूसरी फोटो में वह पुलिस की वर्दी में अपने परिवार के साथ दिखगई दे रही है और ऐसा माना जा रहा है की महिला जीने के लिए संघर्ष कर रही थी और मेहनत कर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनी।इन दोनों फोटोज को इस मैसेज के साथ फैलाया जा रहा है।

वैसे जब मीडिया ने इस मामले पर पद्मशीला तिरपुडे से बात की तो उन्होंने बताया “मेरे अतीत और संघर्षों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। हां जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। हालात काफी खराब थे। लव मैरिज की थी। हम नासिक शिफ्ट हो गए थे। यशवंतराव चव्हाण मुक्त विश्वविद्यालय में ग्रेजुएशन के दौरान ही कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी। साल 2007 से 2009 तक ग्रेजुएशन की। 2012 में मुख्य प्रतियोगी परीक्षा पास की”

पद्मशीला आगे बताती है “2013 में पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बनी। तभी ही परिवार के साथ यह तस्वीर ली गई थी। इसमें मैं अपनी सास, पति और बच्चों के साथ हूं। लेकिन बाद में, इस फोटो के साथ सिलबट्टे बेचने वाली महिला की फोटो को जोड़कर इसे मेरे संघर्ष की कहानी बताया जाने लगा। यह संयोग है कि महिला मेरी तरह नजर आती है”