टैक्सी ड्राइवर ने बचाई लड़की की जान, उसके बाद लड़की ने इस तरह चुकाया एहसान

आज के समय में लोग अपनों की मदद ही मुश्किल से करते है तो वो दुसरो की कैसे करंगे पर इसके साथही दुनिया में कुछ ही सही पर ऐसे लोग भी है जो दुसरो की मदद के लिए तैयार रहते है और एक हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने वाले है जिसने एक अनजान की मदद के लिए अपनी ही पनी रोजी-रोटी को बेच दिया था ताकि वो उसकी मदद कर सके।

जब कभी रोड पर एक्सीडेंट होता है तो बहुत ही कम लोग दुसरो की मदद के लिए आगे आते है क्योकि सभी ये सोचते है की कौन पुलिस के झंझट में पड़े और जब सहारनपुर में जब एक लड़की का रोड एक्सीडेंट हुआ तब वह से गुजर रहे लोगो का भी ये ही सोचना था कोई भी उन्स्की मदद के लिए आगे नहीं आया सिवाय एक के और वो था एक टैक्सी ड्राइवर जो की वह से गुजरा रहा था।

जैसे ही उसने लड़की को देखा बिना कुछ सोचे समझे उस लड़की को उठाया और अपनी टैक्सी में लेकर हॉस्पिटल पहुंचा जहा पर हॉस्पिटल वालो ने तुरंत लड़की का ऑपर्शन की बात कही और उसे 2 लाख रूपए जमा करने को भी कहा दिया वो सिर्फ एक टैक्सी ड्राइवर था उसके पास इतने पैसे नहीं थे पर उसने उस लड़की को उसके हाल पर नहीं छोड़ा उसने अपनी टैक्सी को बेचा और ऑपरेशन के पैसे जमा जैसे तैसे कर किये।

पको बता दे कि इस टैक्सी चालक का नाम राजवीर है और उसने उस अनजान लड़की से लिया अपनी रोजी-रोटी का साधन वो टैक्सी को उस इसकी मदद करने के लिए बेच दिया बता दे की उसने हाल ही में ये टैक्सी खरीदी थी पर लड़की की जान बचने के लिए उसे अपनी टैक्सी को बेचना पड़ गया ड़की का ऑपरेशन सक्सेसफुल रहा और वो सही होकर अपने घर चली गई।

राजवीर ने जिसके लड़की की जान बचाई थी उसका नाम असीमा था और जब पूरी तरह से ठीक हुई तब एक दिन राजवीर के घर आई और उसको अपने साथ अपनी डिग्री के कन्वोकेशन में आने को कहा उसने देखा राजवीर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। पर फिर भी वह बहन ने बुलाने पर यूनिवर्सिटी में अपनी बूढ़ी मां के साथ पहुचा। बता दे की डिग्री देने के लिए राष्ट्रपति ने पहला नाम ही आशिमा का पुकारा और आशिमा को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

उस समय आशिमा ने राजवीर को स्टेज पर बुलाया और लोगों को पूरी कहानी बताई और वो मेडल भी उसी को पहना दिया वैसे कुछ ही समय बाद आसमा ने राजवीर को एक टैक्सी भी दिलाई और इसके साथ ही वो राजीवर के साथ रहने भी लगी।