बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद जो की इस समय अपनी किसी फिल्म की वजह से नहीं बल्कि अपने अच्छे कामो की वजह इ चर्चा में चल रहे है हर दिन सोनू के खबर आती रहती है जिस में वो किसी ना किसी की मदद करते रहते है।वैसे इस बार उन्होंने हरियाणा के एक गांव के स्कूल के बच्चों की मदद की है आपको बता दे की ये गांव जोकि हरियाणा के मोरनी में आता है और शहर से काफी दूर होने की वजह से बच्चे अपनी ऑनलाइन क्लास नहीं ले पा रहे थे।
जब सोनू को इस बारे में पता चला तो उन्होंने इस परेशानी को दूर कर दिया।सोनू ने गांव के बच्चो को स्मार्ट फ़ोन दिया है और उसकी मदद से वो आराम से ऑनलाइन क्लास ले सकते है इस बुधवार को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों को सोनू सूद ने अपने दोस्त करण गिल्होत्रा के जरिए स्मार्टफोन बांटे हैं सभी फ़ोन्स को स्कूल के प्रिंसिपल को सौंपा गया हैजो बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए देंगे।
A wonderful beginning to my day watching all the students get their smartphones to attend their online classes. @Karan_Gilhotra पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया। 🇮🇳 n thanks to @HinaRohtaki for bringing this need for the students to our notice. https://t.co/6Pn9QH0o4H
— sonu sood (@SonuSood) August 26, 2020
इस की जानकारी सोनू ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक ट्वीट के जरिये दी है छात्रों को स्मार्टफोन बांटने पर एक महिला ने सोनू सूद की ट्विटर पर उनको धन्यवाद किया था जिसको रीट्वीट करते हुए सोनू ने लिखा “सभी बच्चों को अपने स्मार्टफोन के साथ ऑनलाइन क्लास लेता देखकर दिन की काफी अच्छा शुरुआत हुई है।अपने सोनू ट्वीट के आखिरी में लिखा, ‘पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया।’
It’s my request to government of India, to postpone the #Neet/#JEE exams in the current situation of the country! In the given #COVID19 situation, we should care utmost & not risk the lives of students! #PostponeJEE_NEETinCOVID@EduMinOfIndia @PMOIndia
— sonu sood (@SonuSood) August 25, 2020
सोशल मीडिया पर उनका ये ट्वीट काफी वायरल हो रहा है इसके साथ ही हाल ही में सोनू ने एक और ट्वीट किया था स्टूडेंट्स के लिए जिस में वो नीट और जेईई की परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रहे है अपने ट्वीट में सोनू ने कहा “मेरा भारत सरकार से अनुरोध है कि देश में कोविड-19 के माहौल को देखते हुए नीट और जेईई परीक्षा को स्थगित कर देना चाहिए। हमें काफी सावधानी बरतनी चाहिए और छात्रों की जिंदगी के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहिए।”