उत्तर प्रदेश के शहर से करीब 45 किमी की दूरी पर स्थित घाटमपुर निवासी नाजनीन उर्फ काजल जो की सिर्फ 13 साल की है वो पिछले 7 सालो से कोबारा प्रजाति के 6 सांपों के साथ रा रही है और अपने इस कोबरा सर्प के प्रेम के चलते उसने काफी सुर्खिया भी बटोरी है काजल के पिता बताते हैं कि जब वह 6 साल की थी, तब दो कोबरा सर्प एकाएक उसकी गर्दन में लटक गए वो आगे कहती है उन्होंने भगाने का प्रयास किया पर कोबरा टस से मस नहीं हुए। हमने सपेरे को बुलाया और दोनों कोबरा प्रजाति के सांपों को उन्हें सौंप दिया।
अगले दिन दोनों कोबरा सर्प सपेरे के पिंजड़े से भागकर काजल के पास आ गए और तभी से वह उसके साथ रहने लगे जिसके बाद उसका सांपों से प्यार और भी बढ़ गया अब वो कोबरा प्रजाति के 6 के सांपों के साथ 24 घंटे रहती है वैसे काजल के सर्प प्रेम से उसके परिजन खासे परेशान उनके पिता कहते है की कईबार सपेरों को बुलाकर सर्प को उन्हें सौंप दिया पर अगले ही दिन कोबरा फिर से काजल को मिल जाते हैं।
इसके साथ ही काजल के साथ रहने वाले कोबरा, सपेरों को चकमा देकर भागकर काजल के पास आ जाते हैं और काजल ने सांपों के चलते पढ़ाई छोड़ दी सुबह जगकर सबसे पहले कोबरा समेत अन्य सर्प के साथ घर के बाहर बैठ जाती है और खुले में छोड़ देती है साथ ही उपरान्त रोजाना किंग कोबरा के साथ गांव में खेलने के लिए निकल जाती है।
काजल के परिवार में उनके माता पिता के साथ साथ काजोल के दो भाई और छह बहनें हैं काजल के बाबा एक सपेरे थे और उनके निधन के बाद पिता ने सपेरे के कार्य के बजाए मजदूरी को अपनी रोटी का हथियार बना लिया।काजोल कहती है कि लोग सांपों से डरते क्यों हैं और वो हमारे अच्छे दोस्त हो सकते है सर्प-विशेषज्ञ रामकिशोर बताते हैं कि सिर्फ स्पर्श से सांपों को अहसास हो जाता है कि उनको पकड़ने वाला दुश्मन नहीं बल्कि दोस्त की त्तरह है ज्यादातर सांप पहाड़ी इलाकों से पकड़ कर लाते हैं और उनके जहरीले दांत तोड़ देते हैं।