बिहारी मिस्त्री ने दिल्ली में किया कारनामा, 6 गज में बना डाला दो मंजिला मकान, जानें पूरी कहानी

6 गज की जमीन पर क्या आप घर बाने के बारे में सोच सकते है अगर नहीं तो आज हम आपको एक ऐसे आदमी के बारे में बताने वाले है जिसने ये कारनामा कर दिखा है मकान बनाने वाले शख्स का नाम अरुण था, जो बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था और अरुण इलाके के ही एक ठेकेदार के यहां नौकरी किया करता था। उस ठेकेदार का काम था, इलाके की जमीन की प्लॉटिंग कर और फिर बेच देना इसकी वजह ये थी के जिस जमीन पर यह मकान बना हुआ है वहीं से गली नंबर 65 के लिए रास्ता निकलना था।

इसलिए रास्ता निकलने के बाद कोने की 6 गज जमीन बच गई. उस कारीगर ने ठेकेदार से 6 गज का हिस्सा अपने नाम करवा लिया।जिसके बाद उसने घर में दो मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर से ही पहली मंजिल पर जाने का रास्ता निकलता लिया वही ग्राउंड फ्लोर पर ही सीढ़ियों से सटा एक बाथरूम भी है और अगर आप पहली मंजिल पर जाएंगे तो एक बेड रूम और उससे सटा एक बाथरूम नजर आएगा और तो और बेडरूम से ही दूसरी मंजिल के लिए एक रास्ता निकाला गया है बात करे फर्स्ट फ्लोर के बारे में तो वह पर पहुंचते ही एक बेड आपको नजर आएगा।

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा “इस मकान को हमने 5-6 साल पहले अरुण कुमार नाम के एक शख्स से खरीदा था. अरुण कुमार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था और उसने खुद ही इस मकान को बनाया था” लोगो का कहना है की जिसने इस घर को बनाया है वो एक जुएबाज था और एक ही रात काफी रकम जुए में हार गया और कर्ज चुकाने के लिए उसने सोनू के नाम जमीन की पावर ऑफ एटार्नी कर दी और कच्ची कालोनी होने की वजह से यहां पर मकान की रजिस्ट्री नहीं होती है वैसे बिजली और पानी की कोई दिक्कत नहीं है।

इस घर में किराए पर रहा रहे यूपी के बांदा जिले की पिंकी कहती हैं “पिछले साल काफी लोग मकान देखने आ रहे थे. इस साल कोरोना काल इसी घर में बीता. मेरे पति का नाम संजय है और वह ड्राइवर का काम करते हैं. लॉकडाउन में काम बंद होने की वजह से काफी दिक्कत हुई. 3500 रुपये किराया देती हूं और करीब 150-200 रुपये तक बिजली का बिल आ जाता है. हमारे तीन बच्चे हैं. दो बेटे और एक बेटी. हमलोग सभी इसी मकान में रहते हैं. बीते डेढ़ साल से इस मकान में रह रही हूं. पहले लगता था कि कैसे तंग घर में रह रहे हैं लेकिन बाद में आदत पड़ गई. अब अच्छा लगता है कि हमारे इस मकान को पूरा दिल्ली जानने लगा है और घर को देखने दूर-दूर से लोग भी आते हैं”