कोरोना और लॉक डाउन के बीच वो लोगो जो अपने और अपने परिवार के बारे में न सोच कर दूसरे की सुरक्षा में लगे हुए पुलिस कर्मचारी लोगों की लीग से हटकर मदद करने में लगे हुए हैं आपको बता दे की केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के विथुरा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने एक बड़ा अदम उठाया है उन्होंने जंगल के अंदर एक आदिवासी बस्ती में छात्रों की कक्षाएं लेने का मोर्चा ले रखा है।
पुलिसकर्मी आदिवासी बस्ती में जाते हैं और नियमित रूप से उन बच्चों को पढ़ाते हैं जानकारी के लिए बता दे की कुछ एक महीने पहले ही विथुरा का जनमैथ्री पुलिस स्टेशन को चाइल्ड-फ़्रेंडली स्टेशन में बदल दिया गया था जिसका उदघाटन केरल के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा द्वारा किया गया था।
इस चाइल्ड-फ़्रेंडली स्टेशन पर उन्होंने बच्चो के लिए ऑनलाइन क्लास की व्यवस्था की जिन्हे इनकी जरूरत है वैसे बता दे की ये मुख्य रूप से कल्लुप्पाड़ा आदिवासी बस्ती के छात्रों के लिये है और ये आदिवासी इलाक़ा स्टेशन से कुछ ही किलोमीटर दूर है और इस बस्ती में 19 परिवारों के लगभग 9 छात्र थे।
जब अधिकारियों को इस बारे में पता चला की बच्चो को स्टेशन पहुंचने के लिए कई किलोमीटर चलकर वो भी जंगल और एक खड़ी पहाड़ीसे होकर गुज़रना पड़ता है तो उन्होंने कल्लुप्पाड़ा आदिवासी क्षेत्र में ही क्लास लगाने का फ़ैसला किया
धन्या रमन जो की आदिवासी कार्यकर्ता है उन्होंनेअतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मनोज अब्राहम, छात्र पुलिस कैडेट और विथुरा सरकार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों से मदद से पुलिस ने प्रोजेक्टर, टीवी, टैबलेट, कुर्सियां और बोर्ड जैसी और कई चीजों का इंतज़ाम करवाया ताकि बच्चे अच्छे से पढ़ सके।