मॉरीशस जो इस समय सबसे बड़ा पर्यावरण संकट का सामना कर रहा है भारत ने उसकी मदद कर बता दिया है की वो उसका कितना अच्छा दोस्त है बता दे की वह की सरकार ने साउथ-ईस्ट कोस्ट में ईंधन लीक से निपटने के लिए मदद मांगी थी जिसके बाद सरकार ने वायुसेना के एक विमान में 30 टन से ज्यादा तकनीकी उपकरण और मैटीरियल भिजवा दिए हैं ।
इस बात की जानकारी देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दी और बताया की पोर्ट लुई में भारतीय एयरक्राफ्ट लैंड कर गया है और इस विमान में भारतीय कोस्ट गार्ड की 10 सदस्यीय तकनीकी टीम भी गई है।इस टीम ने तेल लीक को कंटेन करने में माहिर कोस्ट गार्ड के कर्मचारी शामिल हैं।बता दे की यह मदद हिंद महासागर में अपने पड़ोसियों को मानवतावादी मदद और आपदा राहत की नीति के तहत भेजी है।
#SAGAR Policy at work.
To assist Mauritius in its ongoing #oilspill containment & salvage operations, an IAF aircraft has just landed in Port Louis with 30T of specialized equipment along with a 10-member Technical Response Team from @IndiaCoastGuard pic.twitter.com/muRYOy6mOp— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 16, 2020
विदेश मंत्रालय का कहा है की ये फैसला पीएम मोदी के विजन SAGAR यानी के सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन की दिशा में लिया गया था।वैसे जानकारी के लिए बता दे की 25 जुलाई को मॉरीशस के साउथ-ईस्ट कोस्ट पर जापान की नागाशिकी शिपिंग कंपनी का MV वाकाशिओ जहाज मूंगा चट्टान से टकरा गया था
इस टकरा से जहाज के पतवार में दरार आ गई थी और उस वजह से ईंधन लीक होना लगा आपको बता दे की इतना सारा ईंधन लीक ही चूका था की उसे सैटलाइट से देखा जा सकता था मॉरीशस के इतिहास में सबसे बड़ा पर्यावरण संकट है। वही शिपिंग कंपनी का कहना है की खराब मौसम के चलते उसे टैंकर को निकालने में समस्या आ रही है। वैसे इस दुर्घटना के बाद मॉरीशस की अर्थव्यवस्था, फूड सिक्यॉरिटी और हेल्थ पर बुरा असर पद सकता है।