सर से उठा पिता का साया, गरीबी में गुजरा बचपन, 61 की उम्र में बदला अंदाज, जानिए कहां सबको हंसाने वाली गुड्डी

80s की मशहूर कॉमेडियन गुड्डी मारुति जिनको अपने कई फिलो इ का करते हुआ देखा होगा जहां कुछ लोगों को लगता है कि मनोरंजन जगत में सिर्फ स्लिम और मॉडल जैसी हसीनाओं का ही राज रहता है, तो गुड्डी मारुति ने ऐसी धारणाओं को तोड़ा है। वह अपने कॉमेडी भरे अंदाज से अच्छे अच्छों को मात देती आई हैं उन्होंने . 1990 के दशक में दर्शक गुड्डी को ‘शोला और शबनम’, ‘आशिक आवारा’, ‘खिलाड़ी’, ‘दुल्हे राजा’ और ‘बीबी नंबर 1’ जैसी फिल्मो इ का किया है और खूब लोकप्रियता भी हासिल की है।

बता दे की गुड्डी ने अपनी ज़िन्दगी में बहुत ही ज़्यदा संघर्ष किया है बॉलिवुड के मशहूर फिल्ममेकर मनमोहन देसाई ने उन्हें गुड्डी मारुति स्क्रीन नेम दिया था। इसी नाम से वह इंडस्ट्री में पॉप्युलर हुईं। उनके पिता मारुती राव परब ऐक्टर और डायरेक्टर रहे हैं जब उन्होंने बॉलीवुड डेब्यू किया तो अगले साल ही उनके पिता चल बसे. जिसकी वजह से उन्होंने कुछ वक़्त तक फिल्मो में काम भी नहीं किया था 4 अप्रैल 1961 को मुंबई में गुड्डी मारुति का जन्म हुआ। उनका असली नाम ताहिरा परब है।

एक्ट्रेस गुड्डी मारुति को कभी भी मोटापे की वजह से उन्हें लीड रोल्स नहीं मिले लेकिन लीड एक्ट्रेस की बेस्ट फ्रेंड के कई रोल में दर्शकों को लोट-पोट कर दिया शारिरीक बनावट के चलते कुछ लोगों ने तो उन्हें टुनटुन नाम दे दिया। उन्होंने अपने हौसले को बुलंद रखा और कॉमिक किरदारों से ऐसी छाप छोड़ी कि आजतक सभी उनकी प्रतिभा के कायल हैं गुड्डी ने एक बार बताया था की पिता के निधन के बाद परिवार के लिए पैसे जुटाने के लिए उन्हें काम करना पड़ा. उन्होंने कहा था, “मैं कभी भी अलग तरह की भूमिकाएं करने के लिए महत्वाकांक्षी नहीं थी. मैं अपने जोन में बहुत सहज थी और अपनी सीमाएं जानती थी. कई अभिनेत्रियों ने मुझसे कहा कि मुझे कोशिश करनी चाहिए और हीरोइन बनना चाहिए. प्रीति गांगुली ने ऐसा करने की कोशिश की लेकिन वह आउट हो गईं. मुझे काम की जरूरत थी और मैं जोखिम नहीं उठा सकती थी.” गुड्डी मारुति ने अपने करियर में करीब 100 फिल्मों में काम किया।