क्या भारत से डर गया चीन? राजनाथ सिंह को मनाने होटल तक पहुंच गए थे चीनी रक्षा मंत्री

भारत और चीन के बीच रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं और अभी बवाल के बाद पहली बार दोनों देशों की बातचीत टेबल तक पहुंची। आपको बता दे की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही को स्पष्ट संदेश दिया हैं जिसमे उन्होंने कहा हैं की चीन को वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी के LAC का सख्ती से सम्मान करना चाहिए और यथास्थिति को बदलने की एक तरफा कोशिश ना करें।

वही ऐसा माना जा रहा हैं की चीनी रक्षा मंत्री वेई भारत से बातचीत का ये मौका बिलकुल नहीं गंवाना चाहते थे और इसके लिए वो वह राजनाथ सिंह के होटल जहा पहुचे जहा पर वो ठहरे हुए थे ये बैठक जो मास्को को शुक्रवार के दिन हुई थी जहा पर राजनाथ सिंह ने वेई से कहा कि पैंगोंग झील समेत गतिरोध वाले सभी बिंदुओं से सैनिकों की यथाशीघ्र पूर्ण वापसी के लिये चीन को भारतीय पक्ष के साथ मिलकर काम करना चाहिए।

जानकारी के लिए बता दे की बैठक आठ राष्ट्रों के शंघाई सहयोग संगठन के रक्षामंत्रियों की बैठक के इतर हुई जहा पर राजनाथ ने चीन के वेई को दृढ़तापूर्वक बताया कि “भारत अपनी एक इंच जमीन नहीं छोड़ेगा’ और देश की संप्रभुता व अखंडता की हर कीमतपर रक्षा करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने ने चीनी पक्ष की तरफ से उठाए गए हर सवाल का जवाब देते हुए चीनियों की झूठे दावों का खंडन किया।

उन्होंने कहा की ये उत्सुकता अगस्त के आखिरी हफ्ते में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पैंगोंग इलाके में रणनीतिक बिंदुओं और ऊंचाइयों पर कब्जे के बाद दिखाई गई हैं और उन्होंने सलाह दी हैं की ये बहुत जरुरी हैं की चीन कड़ाई से LAC का पालन करे और उसे यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और साथ ही दोनों पक्षों को राजनयिक और सैन्य माध्यमों से चर्चा जारी रखनी चाहिए जिसे हालत पहले जैसे हो सके वही चीनी रक्षामंत्री चीन की मंशा भी शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को सुलझाने की है।