आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस ऑफिसर की कहानी बताने वाले है जो सच में समाज के लिए एक बहुत ही अच्छा उद्धरण है ये कहानी है झारखंड के इंद्रजीत महथा की जिन्होंने साल 2008 में दूसरे प्रयास में आईपीएस की परीक्षा पास की थी उनके पिता अपने बेटे की इसी पढ़ाई के लिए अपनी किडनी तक बेचने को तैयार थी।
बेटे के समझने पर आखिर उन्होंने अपने खेत को बेचकर बेटे की पढ़ाई के लिए पैसा जुटायाा और आज इंद्रजीत महथा IPS अफसर बन चुके है पर उन्होंने काफी संघर्ष किया है वैसे इसके पीछे वजह है इंद्रजीत को मेहनत जिसने हर मुसीबत को ठेंगा दिखाकर अपने सपनों को पूरा किया पर उनके संघर्ष में उनके पिता का सबसे बाद हाथ था।
आपको बता दे की कच्चे घर में रहते हुए इंद्रजीत ने पढ़ाई की थी उनके पास नई एडीशन की किताबें खरीदने के पास भी नहीं थे इस वजह से उन्हें पुरानी और रद्दी किताबों से पढ़ाई करनी पड़ी थी अपनी आगे की पढ़ाई के लिए उन्हें गांव छोड़ना पड़ा था पर दिल्ली जाने तक के पास भी उनके पास नहीं थे जिसके बाद उनके पिता ने कहा की वह अपनी किडनी बेच कर पैसे जमा करंगे।
इंद्रजीत ने ऐसा नहीं होने दिया जिसके बाद पिता के खेत को बेचना पड़ा था कैसा की आप जानते है की एक किसान के लिए उसका खेत उसकी रोजी रोटी होता है पर बेटे को कामयाब देखने के लिए पिता ने उसे बेच दिया और कई संघर्ष के बाद वो आखिर आईपीएस बन ही गए पर इस दौरान उनके घर में भी दरारें आ गई थीं।उनकी मां और दोनों बहनों को घर छोड़कर मामा के घर जाना पड़ा था पर उन्होंने ऐसा नहीं किया।