किसान जिनके बारे में शायद ही लोगो इतना सोचते होंगे कड़ी मेहनत करने के बाद भी उन्हें वो आराम या पैसा नहीं मिलता है जो दूसरे कामो में मिलता है पर उनके सपना उनके बच्चो की सफलता से पुरे होते है और आज हम आपको एक ऐसी ही मामले के बारे में बताने वाले है हम बात कर रहे है उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर में रहने वाली तान्या सिंह के बारे में जिन्होंने psc 2018 की परीक्षा मे 30वीं रैंक हासिल की है।
जलेसर गांव एक ऐसा क्षेत्र है जहां आज भी लोग इतने शिक्षित नहीं है और ऐसे में लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करना आसान काम नहीं है और तान्या को भी पढ़ाई को लेकर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा था पर आज तान्या की सफलता के पीछे माता पिता है क्योकि जहा पर वो रहते है वह पर लड़कियों को पढ़ना लिखना तो दूर घर से बाहर निकलना भी मुश्किल है उन्होंने ये नहीं सोचा की लोगो की क्या सोच रहेंगी।
उन्होंने कहा “मैं एक मध्यम परिवार से हुँ मेरे घर इतना बड़ा नहीं है कि मैं वहां रहकर अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकूं” आपको बता दे की अपनी स्कूली शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हासिल की उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बीएससी कम्प्यूटर सांईस ऑनर्स में की उन्होंने यूपीएससी सिविल सविर्सेज परीक्षा कि तैयारी अपनी ग्रेजुएशन साल 2016की पढाई को पूरी होने केे बाद से ही शुरू कर दी थी।
यूपीसकी की तैयारी करते ही तान्या दिल्ली आ गई जहा उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में M.A फिलोसोफी कोर्स में एडमिशन लिया और यूपीसकी में फिलोसोफी को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट रखा साथ ही में वह पीएचडी भी कर रही है।तान्या की पीएचडी को 1 साल भी हो गया है और साल 2018 के pcs में पास होने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करनी शुरू कर दी 4 अक्टूबर को उनकी प्रीलिम्स की परीक्षा होने वाली है वह इसमें भी सफलता हासिल करने की इच्छा रखती है।
अब बात करते है उनके परिवार के बारे में जिनकी वजह से आज वो यहाँ तक पहुंची है उनकी पिता रविंद्र सिंह किसान है माता नीरज यादव असिस्टेंट टीचर है साथ ही उनके तीन छोटे भाई हैं आपको बता दे की उनका सपना आईएएस बनने का है और एटा शहर की जलेसर गांव की वह पहली लड़की है जिसने यूपीएससी की परीक्षा पास की है पूरे गांव और शहर में उनकी चर्चा का माहौल बना हुआ है एक किसान की बेटी को इतनी सफलता मिली है उसे देखकर काफी ख़ुशी होती है क्योकि उनके माता पिता ने आर्धिक रूप के साथ साथ समाज के बारे में न सोच कर उन्हें इस काबिल बनाया है।